बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- 1526 ई० में पानीपत के प्रथम संग्राम का सचित्र वर्णन कीजिए।
अथवा
पानीपत के प्रथम संग्राम (1526) का वर्णन कीजिए।
अथवा
पानीपत के संग्राम (1526 ई०) में बाबर द्वारा रचित आक्रमणात्मक सुरक्षा पद्धति तथा युद्ध में उसके द्वारा सैनिकों के समरतांत्रिक प्रयोग की विवेचना कीजिए।
अथवा
पानीपत की पहली लड़ाई (1526 ई०) से उदाहरण देकर मुगल युद्ध कला के मुख्य लक्षण समझाइये।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पानीपत के युद्ध में बाबर तथा इब्राहीम लोदी की तुलनात्मक सैन्य स्थिति पर प्रकाश डालिए।
2. पानीपत के युद्ध में बाबर की आक्रमणात्मक योजना क्या थी?
3. पानीपत के प्रथम संग्राम 1526 ई. में इब्राहीम लोदी की पराजय के कारणों का वर्णन कीजिए।
4. पानीपत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
5. पानीपत के प्रथम संग्राम 1526 ई. का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(The First Battle of Panipat - 1526 A.D.)
पृष्ठभूमि - सोलहवीं शताब्दी में दिल्ली में इब्राहीम लोदी का शासन था। लोदी की सैन्य शक्ति कमजोर हो चुकी थी। जिस कारण बंगाल, उड़ीसा, जौनपुर आदि राज्य सल्तनत से अलग हो गये थे। कई और राज्य भी स्वतंत्र राज्य की मांग कर रहे थे। इसी कारण कई राज्यों के शासक इब्राहीम लोदी के खिलाफ हो गये थे तथा शत्रुता की भावना रखते थे। इधर काबुल में बसे बाबर ने भारत पर आक्रमण करने की योजना बनाई परन्तु वह भारत के राजाओं की सैन्य शक्ति को जानता था। इसलिए वह भारत के ही किसी राजा का समर्थन पाना चाहता था। बाबर की इस इच्छा की पूर्ति जल्द ही हो गई। पंजाब में इब्राहीम लोदी का सुबेदार दौलत खाँ लोदी स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना चाहता था, उसने बाबर को भारत आने का निमंत्रण दिया। भारत आते ही बाबर ने पंजाब पर अधिकार कर लिया और फिर अगले वर्ष दिल्ली पर अधिकार करने को आगे बढ़ा। 12 अप्रैल, 1526 ई० को लोदी और बाबर की सेनायें पानीपत के मैदान में पहुंच चुकी थी और वहाँ पड़ाव डाल दिया।
1. तुलनात्मक सैनिक शक्ति - बाबर की सैन्य संख्या का विवरण 'बाबरनामा' में लिखा है कि बाबर की घुड़सवार सेना 12,000 थी, परन्तु वास्तव में यह संख्या 25,000 से कम नहीं थी। इब्राहीम लोदी की सैन्य संख्या एक लाख बताई गई है जोकि सत्य प्रतीत नहीं होती है। यदुनाथ सरकार ने इब्राहीम लोदी की सैन्य संख्या का विवरण इस प्रकार बताया है-
अश्वारोही सेना .......................20,000
अधीनस्थ राजाओं की सेना .....20,000
पैदल सेना ..............................30,000
हाथी सेना............................... 1,000
इस प्रकार लोदी की सेना में लगभग 75,000 सैनिक थे। इस प्रकार इब्राहीम लोदी की सैन्य संख्या बाबर की सैन्य संख्या से अधिक थी। लोदी की सेना में अनुशासन की कमी थी। जिस कारण संख्या में अधिक होते हुए भी लोदी की सेना बाबर की सेना से कमजोर साबित हुई और युद्ध में पराजित हुई।
2. बाबर की व्यूह संरचना - बाबर यह जानता था कि उसे अपनी सेना से कई गुनी अधिक ताकतवर सेना से युद्ध करना है। इसलिए उसने अपनी सेना की संरचना बहुत ही अच्छे ढंग से फैलाई। बाबर ने अपनी सेना को पानीपत नगर तथा यमुना नदी के किनारे बहुत विस्तृत रूप में फैलाया। बाबर ने अपनी सेना के मोर्चे के आगे की ओर उसने अपनी सामान लादने वाली गाड़ियों को फैला दिया। दो गाड़ियों के बीच में जो खाली जगह थी उसमें पांच या छः ढालें फंसा दीं। इन ढालों के पीछे बन्दूकधारी पैदल सैनिक फायर करने के लिए खड़े कर दिये। इन गाड़ियों से 200-300 गज की आपसी दूरी में से 100-100 घुड़सवार आगे बढ़ने को खड़े कर दिये गये।
इस प्रकार बाबर ने अपनी सेना को सात मुख्य भागों में बांटा हैं-
(1) अग्रदल,
(2) मध्य दल,
(3) पृष्ठ दल,
(4) दायां बाजू,
(5) बायां बाजू,
(6) आरक्षित सेना,
(7) पीछे से हमला करने वाला दल
बाबर ने अपनी इस व्यूह रचना का कई दिन पहले से अभ्यास कर रखा था जिससे लड़ाई के समय सेना में किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
3. इब्राहीम लोदी की व्यूहरचना - इब्राहीम लोदी ने किसी प्रकार की प्राकृतिक रुकावटों का सहारा नहीं लिया था अपितु उसने सेना के आगे हाथी खड़े किये थे। हाथियों के पीछे उसकी सेना चार मुख्य भागों में विभाजित थी 1 अग्रिम 2. मध्य भाग 3. दाहिना भाग 4. बायां भाग। लोदी की अग्रिम पंक्ति में गज सेना थी तथा हाथियों के पीछे अग्रभाग में अग्नेयास्त्र युक्त पैदल सैनिक थे। मध्यभाग में इब्राहीम लोदी स्वयं सेना की कमान संभाले थे।
4. बाबर की यौद्धिक योजना - बाबर ने सर्वप्रथम एक सुदृढ़ रक्षात्मक स्थिति अपनाई। बाबर ने यह योजना बनाई कि किसी प्रकार ऐसी स्थिति पैदा की जाये कि इब्राहीम लोदी को आक्रमण करने की पहल करनी पड़े जिससे बाबर की सेना अपनी प्रतिरक्षात्मक स्थिति से आसानी से युद्ध कर सके। इसलिए उसने अपनी स्थिति को सुदृढ़ करने के बाद अपनी कुछ छापामार सैन्य टुकड़ियों को इब्राहीम लोदी की सैन्य स्थिति पर आक्रमण करने को भेजा। इस आक्रमण में उसने 'मारो और भागो' (Hit and run) की नीति अपनाई। इब्राहीम लोदी को इस आक्रमण से कोई परेशानी नहीं हुई और लोदी अपने ही स्थान पर डटा रहा। लेकिन फिर 5,000 सैनिकों को बाबर ने इब्राहीम लोदी पर आक्रमण के लिये भेजा गया। बाबर की इस विशाल सेना को देखकर इब्राहीम लोदी ने अपनी स्थिति छोड़कर आक्रमण का आदेश दिया।
इब्राहीम लोदी की कोई सैन्य योजना नहीं थी। उसके पास प्रभावकारी आक्रमण था सुरक्षा की कोई पद्धति नहीं थी।
5. वास्तविक युद्ध का प्रारम्भ - 21 अप्रैल को प्रातः दस बजे जब इब्राहीम लोदी ने अपनी सैन्य स्थिति को छोड़कर आगे बढ़कर बाबर की सेना पर आक्रमण किया तब वास्तविक युद्ध का प्रारम्भ हुआ। इब्राहीम लोदी ने मुगल सेना के दाहिने पार्श्व पर आक्रमण कर दिया। बाबर की सेना के निकट पहुंच कर इब्राहीम लोदी ने देखा कि बाबर की सेना योजनाबद्ध तरीके से पानीपत के नगर में फैली है और प्राकृतिक रुकावटों द्वारा पूर्ण रूप से सुरक्षित है और इस सेना के दाहिने पार्श्व पर आक्रमण करना संभव नही है। इब्राहीम लोदी की सेना के अग्रिम भाग के अचानक रुक जाने से पीछे से आने वाली सेना अग्रिम सेना से मिलकर एक भीड़ जैसी बन गई और लोदी की सेना में अव्यवस्था फैल गई।
बाबर ने इस मौके का फायदा उठाया और अपनी सेना को आक्रमण का आदेश दिया। उसके तौलकम दल (Turning Parties) ने दाहिने व बायें भाग से शत्रु सेना के पीछे पहुंचकर बाण वर्षा प्रारम्भ कर दी। बाबर की सेना ने इब्राहीम की सेना को चारों तरफ से घेर कर अपनी प्रतिरक्षात्मक स्थिति से आक्रमण शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से इब्राहीम लोदी की अव्यवस्थित सेना में भगदड़ मच गई। बाबर ने अपनी तोपों का मुंह खोल दिया और अपनी संपूर्ण सैन्य शक्ति से लगातार इब्राहीम लोदी की सेना पर आक्रमण जारी रखा। इस भीषण आक्रमण के फलस्वरूप इब्राहीम लोदी अपने अंगरक्षकों व छः हजार सैनिकों सहित मात्र छः घंटे की लड़ाई में मारा गया। उसके मरते ही अफगान सेना दिल्ली की ओर भाग खड़ी हुईं। बाबर ने भागती हुई सेना के पीछा कर उनका संहार कर दिया।
इब्राहीम लोदी की पराजय के कारण - पानीपत के संग्राम में इब्राहीम लोदी की सैन्य संख्या बाबर से अधिक थी फिर भी इस संग्राम में लोदी की पराजय हुई, जिसके कारणों पर दृष्टि डालना आवश्यक है। इब्राहीम लोदी की पराजय के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं :
1. संख्या में अधिक होते हुए भी इब्राहीम लोदी की सेना में अनुशासन की अत्यन्त कमी थी। सेना मैं अनुशासन अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है और अनुशासनहीनता के कारण लोदी की सेना बाबर की सेना का सामना नहीं कर सकी।
2. बाबर की व्यूह संरचना इब्राहीम लोदी की संरचना, से कहीं अधिक श्रेष्ठ थी।
3. बाबर की सेना रुकावटों व आड़ों का सहारा लेकर स्वयं को बचाते हुए युद्ध कर रही थी, किन्तु लोदी की सेना के पास किसी भी प्रकार की आड़ या रुकावट नहीं थी।
4. इब्राहीम लोदी की कोई सैन्य योजना नहीं थी।
5. बाबर के पास तोपों का विशाल भण्डार था, जिसके आगे लोदी की सेना टिक नहीं सकी तथा तोपों की मार के कारण लोदी की विशाल सेना में भगदड़ मच गई।
6. बाबर ने इस युद्ध में सर्वप्रथम छापामार युद्ध का सहारा लेकर लोदी की सेना को परेशान कर दिया था तथा अन्त में भीषण आक्रमण करके उससे विजय प्राप्त कर ली।
बाबर स्वयं अपनी आत्मकथा में लिखता है- "ईश्वर की अनुकम्पा से यह कठिन कार्य मेरे लिए सरल बन गया और आधे दिन के भीतर ही शत्रु की विशाल सेना नष्ट हो गई।"
परिणाम - इस युद्ध के परिणामस्वरूप भारतवर्ष से लोदी साम्राज्य का अन्त हुआ तथा बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की जिसको 200 वर्षों तक खत्म नहीं किया जा सकता। इस युद्ध के बाद मुगलों ने भारत के अनेक राज्यों में अपना वर्चस्व कायम कर लिया।
युद्ध से प्राप्त सैन्य शिक्षाएँ यह निम्न प्रकार है -
(i) सेना में अनुशासन का महत्व अति आवश्यक है।
(ii) सेना में उचित नेतृत्व होना अति आवश्यक है।
(iii) योजनाबद्ध तरीके से आक्रमण करने से विजय प्राप्त हो सकती है।
(iv) छापामार युद्ध के द्वारा शत्रु सेना को थका कर आसानी से पराजित किया जा सकता है।
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- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- महाकाव्य एवं पुराणकालीन सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में गुप्तचर व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए गुप्तचरों के प्रकार तथा कर्मों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्त्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- वैदिकयुगीन दुर्गों के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- सैन्य पद्धति का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- भारतीय सैन्य पद्धति के अध्ययन के स्रोत कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- पौराणिक काल के अष्टांग बलों के नाम लिखिये।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास में कितने प्रकार के राजदूतों का उल्लेख है? मात्र नाम लिखिये।
- प्रश्न- धनुर्वेद के अनुसार आयुधों के वर्गीकरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- वैदिककालीन दस राजाओं के युद्ध का क्या परिणाम हुआ?
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- वैदिक काल की रथ सेना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में अश्व सेना के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारत में राजूदतों के कार्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- किन्हीं तीन प्रकार के प्राचीन हथियार एवं दो प्रकार के कवचों के नाम लिखिए।
- प्रश्न- धर्म युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- किलों पर विजय प्राप्त करने की विधियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम (326 ई.पू.) में पोरस की पराजय के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- झेलम के संग्राम से क्या सैन्य शिक्षाएं प्राप्त हुई?
- प्रश्न- झेलम के संग्राम के समय भारत की यौद्धिक स्थिति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर की आक्रमण की योजना की समीक्षा करो।
- प्रश्न- पोरस तथा सिकन्दर की सैन्य शक्ति की तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पुरू की सेना का युद्ध किस रूप में प्रारम्भ हुआ?
- प्रश्न- सिकन्दर तथा पोरस की सेना को कितनी क्षति उठानी पड़ी?
- प्रश्न- कौटिल्य के अर्थशास्त्र में वर्णित सैन्य पद्धति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के अनुसार मौर्यकालीन युद्ध कला एवं सैन्य संगठन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य कौन था? उसकी पुस्तक का नाम लिखिए।
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा वर्णित सैन्य बलों की श्रेणियां लिखिये।
- प्रश्न- कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कितने प्रकार के राजदूतों का वर्णन किया है
- प्रश्न- कौटिल्य के सैन्य संगठन सम्बन्धी विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के व्यूहरचना (Tactical Formatic) सम्बन्धी विचारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य के द्वारा बताये गये दुगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कौटिल्य ने युद्ध संचालन के लिए कौन-कौन से विभागों का वर्णन किया है?
- प्रश्न- कौटिल्य द्वारा बताये गये गुप्तचरों के रूप लिखिए।
- प्रश्न- राजपूत सैन्य पद्धति और युद्धकला पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- तराइन के द्वितीय संग्राम (1192 ई०) का वर्णन कीजिए। हमें इस युद्ध से क्या शिक्षाएँ मिलती हैं?
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध ( 1192 ई०) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- तराइन के युद्ध की सैन्य शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "राजपूतों में दुर्गुणों का भी अभाव न था।" इस कथन को साबित कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के सैन्य संगठन और युद्ध कला पर प्रकाश डालिए। बलबन तथा अलाउद्दीन के सैन्य सुधारों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आघात समरतंत्र (Shock Tactics) क्या है?
- प्रश्न- दिल्ली सल्तनत की सैन्य व्यवस्था तथा विस्तार पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मुगल स्त्रातजी तथा सामरिकी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1526 ई० में पानीपत के प्रथम संग्राम का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगलों की सेना में कितने प्रकार के सैनिक थे?
- प्रश्न- मुगल सैन्य पद्धति के पतन के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सेना के वह मुख्य भाग क्या थे? जिन पर मुगलों की विजय आधारित थी? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल तोपखाने पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- युद्ध क्षेत्र में मुगल सेना की रचना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मुगल काल में अश्वारोही सैनिक कितने प्रकार के होते थे?
- प्रश्न- तोप और अश्वारोही सेना मुगलकालीन सेना के मुख्य सेनांग थे जिनके ऊपर उन्हें विजय प्राप्त करने का विश्वास था। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- खानवा की लड़ाई (1527 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- राजपूतों की युद्ध कला पर संक्षेप में लिखिये।
- प्रश्न- राजपूतों का सैन्य संगठन कैसा था?
- प्रश्न- राजपूतों के गुणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राजपूतों में दुर्गणों का भी अभाव न था। इस कथन को साबित करिये।
- प्रश्न- तराइन के दूसरे युद्ध (1192 ई.) में राजपूतों की पराजय तथा मुसलमानों की विजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1527 ई० की खानवा की लड़ाई में राजपूतों और मुगलों की तुलनात्मक सैन्य शक्ति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 17वीं शताब्दी में मराठा शक्ति के उत्कर्ष के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा सेनाओं की युद्ध कला एवं संगठन का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे संग्राम (1761 ई०) का सचित्र वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मराठा शक्ति के उदय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिवाजी के समय मराठों का सैन्य संगठन का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मराठों की युद्धकला पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मराठा सैनिकों के सैन्य गुणों को बताइये।
- प्रश्न- शिवाजी के सैन्य गुणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध ( 1761 ई०) में मराठों और अफगानों की सैन्य शक्ति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तृतीय युद्ध का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पानीपत के तीसरे युद्ध (1761 ई.) में मराठों की पराजय के प्रमुख कारण लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य पद्धति, युद्ध कला तथा संगठन का पूर्ण विवरण दीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह के पूर्व सिक्ख सैन्य पद्धति की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "रणजीत सिंह भारत का गुस्तावस एडोल्फस माना जाता है। इस कथन के संदर्भ में रणजीत सिंह द्वारा सिक्ख सेना के किये गये विभिन्न सुधारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के संग्राम (1864 ई०) का वर्णन करते हुए सिक्ख सेना की पराजय के कारण बताइये।
- प्रश्न- दल खालसा पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सिक्ख सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह ने सिक्खों को सैनिक क्षेत्र में क्या योगदान दिये?
- प्रश्न- सिक्खों के सेनांग का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह से पूर्व सिक्खों के समरतंत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- खालसा युद्ध कला पर लिखिये।
- प्रश्न- महाराजा रणजीत सिंह के तोपखाने का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रणजीत सिंह ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध (1846) में सिक्खों की मोर्चे बन्दी का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सोबरांव के युद्ध में सिक्खों की पराजय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- सिक्ख दल खालसा का युद्ध के समय क्या महत्व था?
- प्रश्न- ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति का वर्णन कीजिए तथा 1857 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1858 से लेकर सन् 1918 तक अंग्रेजों के अधीन भारतीय सेना के संगठन तथा विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतंत्रता पश्चात् सशस्त्र सेनाओं के भारतीयकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सेना के भारतीयकरण में मोतीलाल नेहरु की रिपोर्ट का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- 1939-45 के मध्य भारतीय सशस्त्र सेनाओं के विस्तार और भारतीयकरण का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारतीय नभ शक्ति की विशेषताओं तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय कवचयुक्त सेना पर एक संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक भारत में सैन्य संगठन की रचना एवं तत्वों का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय थल सेना के अंगों का विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए एक शक्तिशाली नौसेना क्यों आवश्यक है? नौसेना के युद्ध कालीन कार्य बताइए।
- प्रश्न- भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के सैन्य संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लार्ड क्लाइव ने सेना में क्या-क्या सुधार किये?
- प्रश्न- लार्ड कार्नवालिस के सैन्य सुधारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कमाण्डर-इन-चीफ लार्ड रॉलिन्सन ने क्या सुधार किये?
- प्रश्न- कम्पनी सेना की स्थापना के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्रेसीडेन्सी सेनाओं के विकास का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्राउनकालीन भारतीय सेना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिटिशकालीन भारतीय सेना को किन कारणों से राष्ट्रीय सेना नहीं कहा जा सकता?
- प्रश्न- भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- ब्रह्मोस क्या है?
- प्रश्न- भारत की नाभिकीय नीति का संक्षेप में विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- भारत ने व्यापक परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (CTBT) पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया है?
- प्रश्न- पोखरन-II परीक्षणों में भारत ने किस प्रकार के अस्त्रों की क्षमता का परिचय दिया था?
- प्रश्न- भारत की प्रतिरक्षात्मक तैयारी का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय वायु सेना के संगठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय वायुसेना पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- भारतीय स्थल सेना की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वायुसेना का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- भारत की स्थल सेना के कमाण्ड्स के नाम व उनके मुख्यालय लिखिए।
- प्रश्न- प्रथम भारत-पाक युद्ध या कश्मीर युद्ध (1947-48) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्रता के पश्चात् भारतीय सेनाओं द्वारा लड़े गये युद्धों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- 1948 के भारत-पाक युद्ध में स्थल सेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कश्मीर विवाद 1948 में सैन्य कार्यवाही के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 1948 का युद्ध भारत पर अचानक आक्रमण था। कैसे?
- प्रश्न- कश्मीर सैन्य कार्यवाही, 1948 के राजनैतिक परिणाम क्या थे? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- "भारतीय उपमहाद्वीप में शान्ति भारत-पाक सम्बन्धों पर अवलम्बित है।" इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1948 में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका।
- प्रश्न- 1962 में चीन के विरुद्ध भारत की सैनिक असफलताओं के कारण बताइए।
- प्रश्न- 1948 तथा 1962 के युद्धों में प्रयुक्त समरनीति का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सन्दर्भ में तिब्बत की सुरक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-चीन युद्ध 1962 में वायुसेना की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत-चीन संघर्ष, 1962 ने भारतीय सेना की कमजोरियों को उजागर किया। समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- नदी बाहुल्य क्षेत्र में वायुसेना की महत्ता समझाइये।
- प्रश्न- "भारत में रक्षा अनुसंधान एवं रेखास संगठन की भूमिका' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 1965 में भारत और पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के भारत-पाक संघर्ष के प्रमुख कारणों को आंकलित कीजिए।
- प्रश्न- 1965 के कच्छ के विवाद पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौता क्यों हुआ? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- मरुस्थल के युद्ध की समस्याएँ लिखिए।
- प्रश्न- कच्छ के रन का रेखाचित्र बनाइये।
- प्रश्न- कच्छ के रण का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- ताशकन्द समझौते के मुख्य प्रस्तावों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- कच्छ सैन्य अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत-पाक युद्ध 1971 का वर्णन कीजिए तथा युद्ध के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1971 के युद्ध में जैसोर तथा ढाका की घेराबन्दी अभियान तथा ढाका के आत्मसमर्पण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के लिए कारगिल क्यों महत्वपूर्ण है?
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 की उत्पत्ति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की आक्रामक कार्यवाही का मूल्याँकन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल संघर्ष 1999 के कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध के पीछे पाकिस्तान की मंशा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध (1999) के समय भारतीय सेनाओं के समक्ष आई समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- कारगिल युद्ध 1999 में भारतीय वायुसेना की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- 1 - वैदिक एवं महाकाव्यकालीन सैन्य व्यवस्था (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 2 - झेलम संग्राम - 326 ई. पू. (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 3- कौटिल्य का युद्ध दर्शन (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 4 - तुर्क एवं राजपूत सैन्य पद्धति : तराइन का युद्ध (1192 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 5- सैन्य संगठन एवं सल्तनत काल की सैन्य पद्धति (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 6 - मुगल सैन्य पद्धति : पानीपत का प्रथम संग्राम (1526 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 7- राजपूत सैन्य संगठन, शस्त्र प्रणाली एवं खानवा का संग्राम (1527 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 8- मराठा सैन्य पद्धति एवं पानीपत का तीसरा युद्ध (1761 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्नऋ
- उत्तरमाला
- 9 - सिक्ख सैन्य प्रणाली एवं सोबरांव का युद्ध (1846 ईस्वी) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 10 - ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सैन्य पद्धति, 1858-1947 ईस्वी तक (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 11- प्रथम भारत पाक युद्ध (1947-48) (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 12 - भारत-चीन युद्ध 1962 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 13 - भारत-पाकिस्तान युद्ध - 1985 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 14- बांग्लादेश की स्वतन्त्रता - 1971 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला
- 15 - कारगिल संघर्ष - 1999 (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
- उत्तरमाला